.
GURUTVA JYOTISH
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Monthly Astrology Magazines
.
You Can Read In Monthly Rashi Phal, Panchang, Festivle Deatail, Auspicious Yog, Astrology, Numerology, Vastu, Mantra, Yantra, Tantra, Easy Remedy Etc, Related Article,
Non Profitable Publication  by Public Intrest Call us : 91+9338213418, 91+9238328785
Ad By : SWASTIK SOFTECH INDIA
GURUTVA JYOTISH
Monthly Astrology Magazines
New
New
New
A Part of  GURUTVA KARYALAY
Non Profitable Publication by Public Intrest
Call: 91+9338213418, 91+9238328785

Saturday, January 28, 2012

भारतीय प्रश्न ज्योतिष और शिक्षा विचार

प्रश्न ज्योतिष और शिक्षा विचार, प्रश्न ज्योतिष और शिक्षा विद्या विचार, भारतीय प्रश्न ज्योतिष और शिक्षा विचार, वैदिक प्रश्न ज्योतिष और शिक्षा विचार, लाल किताब और शिक्षा, prashna kundli, prashna kundli aur education, prashna jyotish aur vidya yoga, prashna kundli and education, Question Astrology and learning ideas, Horary Astrology and learning considered, Horary Astrology and learning views, Horary Astrology and learning consider, Horary Astrology and knowledge ideas, Horary Astrology and education ideas, Horary Astrology and education considered, Horary Astrology and education cheking, Horary Astrology and education views, Horary Astrology and education consider, indian Horary Astrology and education ideas, Vedic Horary Astrology and education Cheking, Red book Astrology and education, Lal kitab Astrology and education,

प्रश्न ज्योतिष से जाने विद्या प्राप्ति के योग

ज्योतिष शास्त्र में कुण्डली के पंचम भाव को महत्वपूर्ण माना जाता हैं। क्योकि पंचम भाव जातक के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। क्योकि पंचम भाव शिक्षा, बुद्धि और ज्ञान का भाव है, जिससे जातक के जीवन की दिशा निर्धारित होती हैं। ज्योतिष में पंचम भाव को त्रिकोण स्थान भी कहा जाता हैं। पंचम भाव को ज्योतिष में बहुत ही शुभ माना गया है। जातक के शिक्षा से सम्बन्ध में भी विचार पंचम भाव से ही किया जाता हैं। इस लिए प्रश्न ज्योतिष या प्रश्न कुंडली से शिक्षाका आंकलन करने हेतु भी पंचम भाव ही प्रमुख माना गया हैं।
  • पश्न ज्योतिष में शिक्षा का आंकलन करने हेतु लग्न में स्थित ग्रह एवं लग्नेश की स्थिती, पंचम भाव में स्थित ग्रह एवं पंचमेश की स्थिती तथा शिक्षा के कारक ग्रह बुध एवं बृहस्पति की स्थिति से विद्या का आंकल किया जासकता हैं।
  • प्रश्न कुंडली में लग्न, लग्नेश, पंचम भाव, पंचमेश, बुध और बृहस्पति यदि शुभ ग्रहो के साथ हो या शुभ ग्रहो से द्रष्ट हो तो शिक्षा के संबंधित कार्यो में बड़ी सफलता अवश्य मिलती हैं।
  • प्रश्न कुंडली में लग्न, लग्नेश, पंचम भाव, पंचमेश, बुध और बृहस्पति यदि कमजोर स्थिति में हों या या अशुभ ग्रहो से युक्त या द्रष्टी के कारण पीडित हो, तो शिक्षा संबंधित कार्यो में रूकावटों का सामना करना पड सकता हैं।
  • प्रश्न कुंडली का विश्लेषण करते समय अन्य शुभ, अशुभ ग्रहों का दृष्टि या युति संबंध एवं संबंधित ग्रह के मित्र एवं शत्रु ग्रहो का उनपर प्रभाव देखना भी अति आवश्यक होता हैं।
नोट: ज्योतिष शास्त्रो के अनुशार लग्न के साथ में भाव कारक भी बदल जाते हैं। इस लिए प्रश्न कुंडली का विश्लेषण सावधानी से करना उचित रहता हैं। विद्वानो के अनुशार प्रश्न कुंडली का विश्लेषण करते समय संबंधित भाव एवं भाव के स्वामी ग्रह अर्थातः भावेश एवं भाव के कारक ग्रह को ध्यान में रखते हुए आंकलन कर किया गया विश्लेषण स्पष्ट होता हैं। प्रश्न कुंडली का फलादेश करते समय हर छोटी छोटी बातों का ख्याल रखना आवश्यक होता हैं अन्यथा विश्लेषण किये गये प्रश्न का उत्तर स्टिक नहीं होता।

Original source

No comments:

Post a Comment