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Sunday, July 17, 2011

आध्यात्मिक उन्नति हेतु उत्तम हैं सावन

श्रावण माह, श्रावण मास, सावन और शिव पूजा, पुजन, पुजा, શ્રાવણ માહ, શ્રાવણ માસ, સાવન ઔર શિવ પૂજા, પુજન, પુજા, ಶ್ರಾವಣ ಮಾಹ, ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸ, ಸಾವನ ಔರ ಶಿವ ಪೂಜಾ, ಪುಜನ, ಪುಜಾ, ஶ்ராவண மாஹ, ஶ்ராவண மாஸ, ஸாவந ஔர ஶிவ பூஜா, புஜந, புஜா, శ్రావణ మాహ, శ్రావణ మాస, సావన ఔర శివ పూజా, పుజన, పుజా, ശ്രാവണ മാഹ, ശ്രാവണ മാസ, സാവന ഔര ശിവ പൂജാ, പുജന, പുജാ,  ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਮਾਹ, ਸ਼੍ਰਾਵਣ ਮਾਸ, ਸਾਵਨ ਔਰ ਸ਼ਿਵ ਪੂਜਾ, ਪੁਜਨ, ਪੁਜਾ, শ্রাৱণ মাহ, শ্রাৱণ মাস, সাৱন ঔর শিৱ পূজা, পুজন, পুজা, ଶ୍ରାବଣ ମାହ, ଶ୍ରାବଣ ମାସ, ସାବନ ଔର ଶିବ ପୂଜା, ଶିଵ ପୁଜନ, ପୁଜା, SrAvaNa mAha, SrAvaNa mAsa, sAvana aura Siva pUjA, pujana, pujA, 
सावन मास का प्रारंभ कल यानी 16 जुलाई, शनिवार से प्रारंभ हुवा  सावन मास 13 अगस्त तक रहेगा। सावन मास को श्रावण भी कहते हैं, जिसका अर्थ है सुनना। इसलिए यह भी कहा जाता है इस महीने में सत्संग, प्रवचन व धर्मोपदेश सुनने से विशेष फल मिलता है।

यह महीना और भी कई कारणों से विशेष है क्योंकि इस दौरान भक्ति, आराधना तथा प्रकृति के कई रंग देखने को मिलते हैं। यह महीना भगवान शंकर की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस मास में विधि पूर्वक शिव उपासना करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। सावन में ही कई प्रमुख त्योहार जैसे- हरियाली अमावस्या, नागपंचमी तथा रक्षा बंधन आदि आते हैं।
सावन में प्रकृति अपने पूरे शबाब पर होती है इसलिए यह भी कहा जाता कि यह महीना प्रकृति को समझने व उसके निकट जाने का है। सावन की रिमझिम बारिश और प्राकृतिक वातावरण बरबस में मन में उल्लास व उमंग भर देती है। अगर यह कहा जाए कि सावन का महीना पूरी तरह से शिव तथा प्रकृति को समर्पित है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

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